सुहागरात के समय दूल्हा बने घोंचू लाल ने अपनी पत्नी चमेली को बांहों में भरते हुए कहा - डार्लिंग! आज से तुम ही मेरी प्रेरणा, साधना और आशा हो।'
पहले तो दुल्हन चमेली यह सुनकर पल-भर के लिए चौंकी और फिर पति को अपनी बाहों में खिंचती हुई बोली - हां जरूर! आज से तुम ही मेरे राहुल, मेरे राकेश और मेरे अमन हो।
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