Friday 27 January 2012

बकवास या अहसास

जब  आपको  अपने  आप से  लड़ना पड़ता है तब महसूस  होता  है  कि दुनिया से लड़ना कितना आसान है  और  फिर ऐसा समय आता है  जब लगने लगता  है  कि  मेरी जिन्दगी भी  मेरी ना  रही  यह  या तो उसकी  हो जाती  है  जिससे  आप  डरते हैं  या  जिस पर  आप मरते  हैं  इन दोनों के परे  तो कुछ  भी नहीं  होता  और दो हिस्सों में बंट कर भी  यही  लगता  है कि  अपने हिस्से  तो कुछ आया  ही नहीं  लेकिन  ये सोच कर संतोष  कर लेते हैं कि मुझसे  तो कुछ भी संभाला ना  जाता । कितनी बार लगता  है कि समर्पण  में कितनी शक्ति  है  ऐसा  कर के  आप आक्रोश  के  आवेग  से  बच जाते  हैं  और  दूसरी और  प्यार  के  अनंत  सागर  में सुकून से  खो जाते  हैं । 
via @ http://lawman67.blogspot.com

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