Monday, 2 April 2012

संता की गप्प



संता अपने दोस्तों के साथ गप्पे हांक रहा था

संताः पता है मेरे परदादा बहुत बहादुर थे। उन्होंने 1857 की जंग में सैंकड़ों दुश्मनों की टांगें काटी थी

बंताः अच्छा...लेकिन गर्दनें क्यों नहीं काटी थी

संताः गर्दनें पहले से ही कटी थी ना...।




 

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