दो फेसबुकिया शायर मुकाबला कर रहे थे
पहला- इतने खुद्दार थे, हम की कभी स्कूल, कॉलेज या मंदिर नहीं गए!
वो तो लडकियों के शोक-ऐ-दीदार हे की फेसबुक पर ही बस गए।।
वो तो लडकियों के शोक-ऐ-दीदार हे की फेसबुक पर ही बस गए।।
दूसराः लड़कियों के लिए फेसबुक पर बसकर भी तुम उल्लू ही बन रहे हो
सानिया, तानिया, रोमा समझकर तुम रमेश, सुरेश कपिल से चैटिंग कर रहे हो।।
सानिया, तानिया, रोमा समझकर तुम रमेश, सुरेश कपिल से चैटिंग कर रहे हो।।
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