Sunday, 4 March 2012

प्राचीनता में नवीनता


परिवर्तन प्रकृति का नियम है और मनुष्य इस प्रकार के परिवर्तन करने का मौका कभी हाथ से नहीं जाने देता है लेकिन बात जब कुछ ऐसी हस्तियों की होती है जिनका नाम ४-५ दशकों से लोगो की जुबान पर है तो ये बात लोगों को अपनी ओर ज्यादा आकर्षित करती है | इसमें हमारे बालीवुड के शहंशाह सबसे आगे हैं,जब लोगों में महँगी से महँगी कारों में सवारी करने की होड़ सी लगी है ऐसे समय में इन वाहनों से ऊब चुके हमारे शहंशाह ने एक नया ही अंदाज निकाला है | यूं तो जानवरों को अपनी सवारी बनाना प्राचीनता के लगाव को दर्शाता है पर उनका ये अंदाज़ नवीनता की हद को पार कर रहा है | हालाँकि उनकी इस बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया कि यह उनके करोड़ो चाहने वालो के लिए ट्विट्टर के माध्यम से एक सन्देश भी है कि भारत के पास पेट्रोलियम के सीमित भंडार होने के कारन भारतवासियों का यह कर्तव्य बनता है कि वह पेट्रोल कि बचत पर ध्यान दें और साथ ही साथ पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएं ,इसके लिए यह बहुत ही अच्छा उपाय है कि एक साधारण से पालतू जानवर (कुत्ता ) को अपनी सवारी के रूप में उपयोग किया जाये | यह बात उनकी “Lord Bhairaw” के प्रति आस्था को दर्शाता है जिनका वाहन आदिकाल से कुत्ता है |

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