एक प्रतियोगी परीक्षा में 40 नंबर का प्रश्न पूछा गया- प्यार क्या है विस्तार से समझाएं
एमबीए छात्र- प्यार जिंदगी है (40 में से आधा नंबर मिला)
इंजीनियरिंग छात्र- प्यार दर्द है (उसे भी आधा नंबर ही मिला)
इंजीनियरिंग छात्र- प्यार दर्द है (उसे भी आधा नंबर ही मिला)
मेडिकल छात्र
परिभाषा- प्यार एक पुरुष और महिला के बीच बने रिश्तों से दिल में होने वाली एक गंभीर समस्या है जिसमें पीड़ितों में से दोनों या फिर एक की मौत हो सकती है। मौत होने की संभावना पीड़ित की दर्द सहने की क्षमता पर निर्भर करती है।
प्यार के प्रकार
इकतरफा- जब प्यार का असर सिर्फ एक व्यक्ति के दिल पर ही हो तब इसे इकतरफा कहा जाता है। इसमें पीड़ित व्यक्ति के तनावग्रस्त होने, अकेलेपन का शिकार होने और दुखी रहने की संभावना ज्यादा रहती है। प्यार की इस अवस्था में दवाई भी सिर्फ प्यार ही है। यदि आपका कोई मित्र इकतरफा प्यार का शिकार हो तो उसे तुरंत किसी अच्छे व्यक्ति से मिलवाएं।
इकतरफा- जब प्यार का असर सिर्फ एक व्यक्ति के दिल पर ही हो तब इसे इकतरफा कहा जाता है। इसमें पीड़ित व्यक्ति के तनावग्रस्त होने, अकेलेपन का शिकार होने और दुखी रहने की संभावना ज्यादा रहती है। प्यार की इस अवस्था में दवाई भी सिर्फ प्यार ही है। यदि आपका कोई मित्र इकतरफा प्यार का शिकार हो तो उसे तुरंत किसी अच्छे व्यक्ति से मिलवाएं।
दुतरफा- प्यार जब दोनों तरफ से हो तो उसे दुतरफा कहा जाता है। आमतौर पर तो यह बीमारी की श्रैणी में नहीं आता लेकिन जब एक व्यक्ति यह जाहिर करने की कोशिश करने लगता है कि वो दूसरे से ज्यादा प्यार करता है तब यह तनाव का कारण बन जाता है जो बाद में गंभीर बीमारी की शक्ल ले लेता है। ऐसी अवस्था में ब्रैक अप ही एकमात्र रास्ता रह जाता है। हालांकि तनाव की इस स्थिति को बातचीत के जरिए आसानी से निपटाया जा सकता है लेकिन उसके लिए इक दूसरे पर विश्वास होना आवश्यक है।
लक्षण
तनाव
दिन में सपने देखने
हर वक्त फोन से चिपके रहना
बिस्तर में मुंह देकर एसएमएस करना
खोए-खोए रहना
दोस्तों से दूर हो जाना
तनाव
दिन में सपने देखने
हर वक्त फोन से चिपके रहना
बिस्तर में मुंह देकर एसएमएस करना
खोए-खोए रहना
दोस्तों से दूर हो जाना
उम्रः यूं तो प्यार किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन पागलपन वाला प्यार 16 से 18 के बीच ज्यादा होता है। 18 के बाद हुआ प्यार थोड़ा गंभीर होता है लेकिन 24 की उम्र में प्यार से बचना चाहिए क्योंकि यदि आपने इस उम्र में प्यार कर लिया तो फेरे लेना तय है। अक्सर लव मैरिज इस उम्र वाले प्यार में ही होती हैं।
ट्रीटमेंटः पिता के थप्पड़ या मां के सैंडल से। लेकिन यह सिर्फ 16 से 18 वाले में ही प्रभावी है। 18 से 22 के बीच के पीड़ित ब्रैक अप करके इस बीमीरी से बच सकते हैं लेकिन 24 के बाद यदि यह बीमारी होती है तो फिर यह लाइलाज है। हां, जान बचाने के लिए मरीजा की शादी करवाई जा सकती है।
(मेडिकल छात्र को एक्जामिनर ने 40 में से 40 दिए..वैसे आप कितने नंबर देते...आप चाहें तो इस जवाब को अपने अनुभव से दुरुस्त भी कर सकते हैं....आप अपना जवाब नीचे कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं)
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